Tuesday, 10 February 2015

क़दम क़दम बढ़ाये जा
ख़ुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की
तू क़ौम पे लुटाये जा

तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़
मरने से तू कभी न डर
उड़ा के दुश्मनों का सर
जोश-ए-वतन बढ़ाये जा

क़दम क़दम बढ़ाये जा
ख़ुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की
तू क़ौम पे लुटाये जा

हिम्मत तेरी बढ़ती रहे
ख़ुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे खड़े
तू ख़ाक़ में मिलाये जा

क़दम क़दम बढ़ाये जा
ख़ुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की
तू क़ौम पे लुटाये जा

चलो दिल्ली पुकार के
क़ौमी-निशाँ संभाल के
लाल क़िले पे गाड़ के
लहराये जा लहराये जा

क़दम क़दम बढ़ाये जा
ख़ुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की
तू क़ौम पे लुटाये जा

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